Wednesday, September 28, 2011

मन का भय दूर करें, मां कात्यायनी के मंत्र से



नवरात्रि के छठे दिन मां दुर्गा के कात्यायनी रूप की पूजा की जाती है। मां कात्यायनी ने महर्षि कात्यायन की तपस्या से प्रसन्न होकर इनकी पुत्री रूप में जन्म लिया। इसी लिए इन्हें कात्यायनी के नाम से जाना जाता है।
यदि आपको जीवन की समस्याओं का भय सता रहा है, तो मां कात्यायनी की पूजा इस ध्यान मंत्र से करें।

ध्यान का मंत्र

चन्द्रहासोज्जवलकरा शार्दूलावरवाहना।

कात्यायनी शुभं दद्यादेवी दानवद्यातिनी।।

अर्थात्: मां दुर्गा के छठें स्वरूप का नाम कात्यायनी हैं। इनका स्वरूप बहुत वैभवशाली, दिव्य और भव्य है। देवी कात्यायनी का वर्ण स्वर्ण के समान चमकीला है। इनकी चार भुजाएं हैं। माताजी की दाहिनी ओर ऊपर वाला हाथ अभयमुद्रा में है तथा नीचे वाला हाथ वर मुद्रा में है। बाएं तरफ के ऊपर वाले हाथ में तलवार है और नीचे वाले हाथ में कमल का फूल है।

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